दिमाग में कीड़े का उपजना कोई छोटी बात नहीं है, इसलिए जरूरी है की अगर आपको लगें की आपके अपने दिमाग में कीड़े जैसा कुछ अनुभव हो रहा तो इसके लिए डॉक्टर से परामर्श लें। तो वहीं दिमागी कीड़े को लेकर लोगों के मन में ये बात घूमती है की क्या इसका इलाज मौजूद है या नहीं ;
क्या है दिमाग में कीडे का उपजना ?
- दिमाग में कीड़ा होने की बीमारी को न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस के नाम से जाना जाता है। दरअसल यह एक इन्फेक्शन होता है, जो तब होता है जब हमारे शरीर में टीनिया सोलियम परजीवी का लार्वा या अंडे हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते है।
- सरल भाषा में आपको समझाने का प्रयत्न करते है, जैसे जब कोई व्यक्ति टेपवर्म के अंडे निगल लेता है, तो यह न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस संक्रमण का कारण बन जाते है। ये अंडे मांसपेशियों और मस्तिष्क के टिशू में घुस जाते है और वहां सिस्ट का निर्माण करते है।
- जब ये अंडे मस्तिष्क में सिस्ट बना देते है, तो इससे न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस की स्थिति पैदा हो जाती है।
क्या खाने से दिमाग में कीड़े उत्पन्न होते है ?
- खाने की चीजों में वो भी कीड़ा, सुन कर लोगों को थोड़ा अटपटा जरूर लगा होगा लेकिन यही सच्चाई है।
- वहीं आपको बता दें की पत्ता गोभी ही नहीं बल्कि कई और ऐसी चीजें हैं जिनके सेवन से आपको नर्वस सिस्टम में संक्रमण हो सकता है, आपको बता दें कि हरे मटर, गाजर, पालक, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी, मूली और अलग-अलग तरह की पत्तेदार सब्जियों के खाने के वाकई कई फायदे है, लेकिन इतने फायदे के साथ इन सब्जियों के खाने से आपको दिमाग में कीड़े वाली समस्या हो सकती है।
दिमाग में कीड़े उपजे है या नहीं इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।
दिमाग में कीड़े उत्पन्न होने के दौरान कौन-से लक्षण नज़र आते है ?
- इसमें आपको सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- मिर्गी के दौरे पड़ने के लक्षण नज़र आ सकते है।
- बोलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- जुबान में लड़खड़ाहट सी आ सकती है।
- आंखों की रोशनी का कमजोर होना और बुखार की समस्या हो सकती है।
- शरीर के कुछ अंगों में कमजोरी महसूस हो सकती है।
शरीर के अंगों में कमजोरी के साथ अगर आपको गंभीर दिमागी दौरा पड़े तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट न्यूरोसर्जन का चयन करना चाहिए।
क्या दिमागी कीड़े का इलाज मौजूद है ?
- दिमागी कीड़े के इलाज को लेकर “झावर हॉस्पिटल” के अनुभवी डॉक्टर, ‘डॉ. सुखदीप सिंह झावर’ का कहना है की अगर व्यक्ति समय रहते न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस के लक्षणों को पहचानकर एक अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करते है, तो वो इस इन्फेक्शन से आसनी से छुटकारा पा सकते है।
- वहीं जब आप डॉक्टर के पास जाते है, तो वह मस्तिष्क में सिस्ट की जांच के लिए कुछ सरल टेस्ट का सुझाव आपको दे सकते हैं। आमतौर पर दिमाग में कीड़े का पता लगाने के लिए MRI या CT ब्रेन स्कैन कराने की सलाह दी जाती है। कुछ मामलों में संक्रमण के निदान के लिए कुछ ब्लड टेस्ट भी किये जाते है, लेकिन संक्रमण हल्का होने पर स्पष्ट रूप से इन टेस्ट से पता नहीं चल पाता है। इसलिए ब्रेन स्कैन टेस्ट की सलाह अधिक दी जाती है।
दिमागी कीड़े से बचाव के लिए क्या करें !
- अगर आप चाहते है की आपके दिमाग में कीड़ा न उपजे तो इसके लिए आपको कभी भी कच्ची सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपको अधिक जोखिम हो सकता है।
- हमेशा सुनिश्चित करें कि आप सब्जियों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धोएं।
- फिर इसे पूरी तरह पकाने के बाद ही इसका सेवन करें, ऐसा करने से परजीवी और उनके अंडों को नष्ट करने में मदद मिलती है।
- इसके बाद सब्जियों को काटने के बाद इसे गर्म पानी से इसे अच्छी तरह से जरूर धोए।
सुझाव :
किसी भी तरह की कच्ची सब्जियों को खाने से बचे और सुनिश्चित करें की ज्यादा पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से भी आपको खुद का बचाव करना चाहिए।
दिमागी कीड़े के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !
आप चाहे तो अपने दिमाग के कीड़े का इलाज झावर हॉस्पिटल से भी करवा सकते है।