हर दिन किसी न किसी व्यक्ति को किसी नई समस्या ने घेरा होता है और इनमें से कई समस्या बहुत ही आम होती हैं और कई बहुत ही ज्यादा गंभीर होती है, जैसे कि दिमाग में ट्यूमर होना। आपको बता दें, कि यह कोई आम समस्या नहीं होती है। अगर इस समस्या का इलाज समय पर नहीं किया जाता है, तो यह एक व्यक्ति के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। इस तरह की स्थिति में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है, कि आखिर ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत कैसे होती है? तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके विशेषज्ञ से इससे जुड़ी हर बात के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत कैसे होती है?
दरअसल, ब्रेन ट्यूमर दिमाग की कोशिकाओं में होता है और हैरानी की बात यह है, कि यह कैंसर रहित भी हो सकता है। आपको बता दें कि एक व्यक्ति के दिमाग के एक खास हिस्से में कोशिकायें असामान्य रूप से बढ़ती हैं और वह गांठों का रूप धारण कर लेती हैं, जिसको आम तौर पर, ब्रेन ट्यूमर के नाम से जाना जाता है। यह कई मामलों में एक व्यक्ति के लिए घातक भी हो सकता है। इसलिए ब्रेन ट्यूमर को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। दरअसल, ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर समस्या किसी को भी हो सकती है। इसलिए इसके बारे में पता चलते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार
ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं, आमतौर पर, जिस में शामिल हैं:
- ग्लियोमा और संबंधित ब्रेन ट्यूमर
- कोरॉइड प्लेक्सस ट्यूमर
- भ्रूणीय ट्यूमर
- जर्म सेल ट्यूमर
- पीनियल ट्यूमर
- मेनिंगिओमा
- तंत्रिका ट्यूमर
- पिट्यूटरी ट्यूमर
- अन्य ब्रेन ट्यूमर
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
आपको बता दें, कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और संकेत आम तौर पर, उसके आकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। दरअसल, इस समस्या के लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं, कि आखिर ब्रेन ट्यूमर कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसको ट्यूमर ग्रेड के नाम से भी जाना जाता है। दिमाग में ट्यूमर की वजह से होने वाले सामान्य संकेत और लक्षण निम्नलिखित अनुसार हो सकते हैं, जैसे कि,
- सुबह के समय सिर में दर्द या फिर दबाव का बहुत ज्यादा बढ़ना।
- सिर में दर्द जो बहुत वार होता है और काफी ज्यादा गंभीर प्रतीत होता है।
- मतली या उल्टी होना।
- धुंधला दिखाई देना, दोहरी दृष्टि या फिर दृष्टि के दोनों ओर दृष्टि का खो जाना।
- हाथ या फिर पैर में संवेदना या गति का खत्म हो जाना।
- संतुलन में परेशानी होना
- कुछ भी बोलने में परेशानी होना।
- हद से ज्यादा थकान महसूस होना।
- याददाश्त की समस्याएं।
- व्यवहार में परिवर्तन होना।
- दौरे पड़ना विशेषकर, अगर दौरे का कोई इतिहास न हो।
ब्रेन ट्यूमर का उपचार
दरअसल, ब्रेन ट्यूमर के प्रबंधन में अलग-अलग उपचार विधियों में शामिल हैं, जैसे कि
- सर्जरी
- रेडिएशन थेरेपी (दिमाग के ट्यूमर के लिए रेडिएशन थेरेपी)
- कीमोथेरेपी
- लक्षित थेरेपी
- अल्टेरनेटिंग इलेक्ट्रिक फील्ड थेरेपी (ट्यूमर उपचार क्षेत्र)
निष्कर्ष:
दिमाग हमारे पूरे शरीर को चलाता है, जैसे कि दिमाग हमें सोचने, कुछ भी करने, बोलने और चीजों को समझने जैसे कई कार्यों में सहायता प्रदान करता है। और आजकल लोग ब्रेन ट्यूमर जैसी समस्या से जूझ रहे हैं, जो एक समय पर हानिकारक साबित हो सकती है। ब्रेन ट्यूमर एक गांठ है, जो दिमाग में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर उत्पन्न होती है। यह कोई आम समस्या नहीं है। अगर वक्त रहते इस समस्या का इलाज न किया जाये, तो यह एक व्यक्ति के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसलिए ब्रेन ट्यूमर को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसके लक्षण नज़र आते ही तुरंत डॉक्टर से इलाज प्रपात करना महत्वपूर्ण होता है। लेख में ऊपर इसके प्रकार, लक्षणों और उपचार के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी साझा की गई है। अगर आप इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, या फिर आप ब्रेन ट्यूमर या फिर दिमाग से जुड़ी किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं और आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं, तो आप आज ही झावर न्यूरो अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
