क्या आपको याद है, पिछली बार आप कब किसी मानसिक चिकित्सक के पास कब गए थे?
क्योंकि जहाँ तक बात आती है, दूसरी बिमारियों की जैसे की छींकना, खाँसना, लगातार बुखार आना, पीलिया होना, कैंसर होना या कुछ और भी, तो उन बिमारियों को लोग उस नज़रिये से नहीं देखते, जैसे की मानसिक रोगों को देखा जाता है|
यह समस्या केवल भारत में ही है, नहीं तो विदेशी लोग कभी भी मानसिक रोगों का इलाज करने वाले चिकिस्तकों से भागते नहीं है| अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त को किसी भी मानसिक रोग के लक्षणों के बारे में बताता है तो दूसरा हमेशा उसे या तो किसी Neurologist या Psychiatrist के पास जाने की सलाह देता है| परन्तु भारत में मानसिक रोग और दिमागी रोग जैसी बिमारियों एक प्रकार का गुप्त रोग बन गई हैं|
परन्तु फिर भी, हम आपको यही सलाह देंगे कि यदि आपको लगता है की आपको या आपके किसी किसी निकट सम्बन्धी को किसी प्रकार की दिमागी बीमारी है तो उसी समय संपर्क करें: Best Neurologist in Ludhiana (+91-9872940237)
आज हम जानेंगे डिप्रेशन के बारे में!
- यदि आप खुश नहीं रह पते और आपको इतना भी याद नहीं की आप अंतिम बार खुश कब हुए थे, तो डिप्रेशन का इससे बड़ा लक्षण कोई नहीं हो सकता|
- क्या आपको बिस्तर से उठना, दांत साफ़ करने और नहाने जैसी सामान्य और रोज़ करी जाने वाली चीज़ें टास्क प्रतीत होती है?
- क्या आपको लोगों के साथ बाहर जाना अच्छा नहीं लगता, और आपको अकेले रहना ही अच्छा लगता है?
- आप अपने आप द्वारा की जाने वाली चीज़ों से नफरत करते है और आपको खुद से घृणा आने लग गयी है?
- क्या आपको कई बार ऐसा ख्याल आया है की आपको इस दुनिया में होना ही नहीं चाहिए?
यदि इनमे से कोई एक भी चीज़ आपकी साथ हुई है या हो रही है, तो Dr. Sukhdeep Singh Jhawar – The Best Neurosurgeon in Punjab
आपको शीघ्र ही किसी दिमागी या मानसिक डॉक्टर को सम्पर्क करना चाहिए|
आखिर किस प्रकार से होगा डिप्रेशन का इलाज?
आपकी बीमारी का निदान करने के बाद डॉक्टर पता लगाएंगे की आपकी बीमारी थेरेपी से ठीक होगी या आपको काउंसलिंग की ज़रूरत भी पड़ सकती है| कुछ लोगों में जिनकी मानसिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है उन्हें डॉक्टर दवाइयां लेने की सलाह देते है|
आपको मदद का हाथ बढ़ाने में पीछे नहीं हटना चाहिए!
यदि आपके आस पास कोई ऐसा मरीज है जिसकी मानसिक हालत ज़्यादा खराब है, उसे ऐसे दृश्य दिखाई दे रहे हैं जो कोई और नहीं देख पा रहे तो उस स्थिति में वो मुअनुषय कभी भी खुद स्वीकार नहीं करेगा की उसे किसी प्रकार कोई बीमारी है, आपको या तो प्यार से समझा–बुझा कर खुद ही उसे डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ेगा या फिर किसी मानसिक अस्पताल को आगाह करना होगा की आप किसी आइए मरीज को जानते है, जो की मानसिक तौर से पीड़ित है परन्तु वो डॉक्टर के पास जाने के लिए कतरा रहा है या संकोच क्र रहा है|