साइलेंट माइग्रेन एक माइग्रेन के ही प्रकार में शामिल है और ये माइग्रेन कोई बीमारी नहीं है जो हमेशा व्यक्ति के साथ रहे बल्कि ये कभी कबार व्यक्ति को परेशान कर सकती है। इस माइग्रेन की वजह से व्यक्ति को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता लेकिन जब ये दर्द उत्पन होता है तो व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। इसके अलावा क्या है साइलेंट माइग्रेन, और कौन से इसके लक्षण है जिसको पहचान के हम इस समस्या से निजात पा सकते है ;
साइलेंट माइग्रेन के कारण क्या है ?
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माइग्रेन का कोई एक सटीक कारण ज्ञात नहीं किया जा सकता है, हालांकि यह माना जाता है कि यह मस्तिष्क में नाड़ियों के सिग्नल, रसायन और रक्त कोशिकाओं में अल्पकालिक गातिविधि के कारण होता है।
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इसके अलावा माहवारी का आरम्भ होना भी साइलेंट माइग्रेन के कारणों में शामिल है।
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वही मानसिक तनाव का होना।
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थकावट महसूस करना।
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कुछ विशिष्ट आहार अथवा पेयजल का सेवन।
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साइलेंट माइग्रेन वंशाणुओं के कारण भी होता है।
साइलेंट माइग्रेन क्या है ?
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साइलेंट माइग्रेन ऐसा माइग्रेन है जिसमें दर्द जैसी पेरशानी तो नहीं होती। लेकिन हां साइलेंट माइग्रेन कई समस्याओं और परेशानियों को जन्म दे सकता है।
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माइग्रेन अक्सर हल्का अथवा कष्टदायक सिरदर्द होता है जिसमें सिर की एक ओर झनझनाहट वाला तेज दर्द महसूस होता है।
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तो वही कई व्यक्तियों में ये समस्या मिचली, उल्टी और प्रकाश अथवा ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि जैसे हो सकती हैं।
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माइग्रेन एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जो लगभग हर पाँच महिलाओं में से एक और लगभग 15 पुरुषों में से एक को प्रभावित करती हैं।
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तो वही माइग्रेन के बारे में अगर आप और विस्तार से जानना चाहते है तो बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।
साइलेंट माइग्रेन के लक्षण क्या है ?
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साइलेंट माइग्रेन की शुरूआत 20 और 30 वर्ष की आयु में हो सकती है। और सबसे ज्यादा इस समस्या का सामना वयस्कों को करना पड़ता है।
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वही साइलेंट माइग्रेन में भ्रम की स्थिति, पेट दर्द, स्ट्रोक आदि जैसे लक्षण शामिल हैं। साइलेंट माइग्रेन के बाद अगर भयंकर सिरदर्द होता है, तो ब्रेन स्कैनिंग के साथ डॉक्टर से परामर्श लेना सही रहेगा। और ऐसा करने से व्यक्ति किसी गंभीर समस्या में पड़ने से पहले खुद का बचाव करने में सक्षम हो पाता है।
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वही साइलेंट माइग्रेन के लक्षण में दर्द अक्सर एक नियंत्रित अथवा कष्टदायक झनझनाहट वाला होता है जो आपकी हलचल से बढ़ जाता है और आपको सामान्य गतिविधियां करने से रोक भी सकता है।
साइलेंट माइग्रेन से बचाव का उपचार क्या है ?
इसका कोई उपचार तो मौजूद नहीं है, पर कुछ दवाइयों की मदद से आप खुद माइग्रेन से अपना बचाव कर सकते है,
जैसे ;
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दर्द–निवारक औषधियाँ, जिनमें पैरासिटामोल और इबुप्रोफेन जैसी बिना नुस्खे वाली औषधियाँ भी शामिल हैं।
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ट्रिपटाँस, औषधियाँ जो मस्तिष्क में माइग्रेन उत्पन्न करने वाले परिवर्तनों को उलटनें में सहायक होते है।
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एंटी–एमेटिक्स, औषधियाँ जिसे अक्सर मिचली और उल्टी कम करने के लिये दी जाती हैं।
यदि आप भी साइलेंट माइग्रेन की समस्या से निजात पाना चाहते है तो इसके लक्षणों पर ध्यान देते हुए और इससे निजात पाने के लिए झावर ब्रेन एन्ड स्पाइन सेंटर का चयन करें।
निष्कर्ष :
साइलेंट माइग्रेन की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले तो इसके लक्षणों पर ध्यान रखे उसके बाद किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन करें और कुछ भी प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले।