क्या करवट बदलने से लकवे का मरीज़ 6 महीने में ठीक हो सकता है ?

दिमाग में खून का थक्का जमने के कारण लकवा मारने की शिकायत होती है, तो वही कुछ लोगों का मानना है कि लकवा मारने की वजह से शरीर में कोई भी सेन्सेशन नहीं होती और ऐसी अवस्था में पेशेंट अपना कोई भी काम करने में असमर्थ होता है। इसके विपरीत कुछ अनुभवी डॉक्टरों का मानना है की लकवा आने के दो या तीन दिन में ही मरीज़ में फर्क पड़ना शुरू हो जाता है और आने वाले कुछ महीनो में इनमे फर्क पड़ जाता है। इसके अलावा करवट का लकवे से क्या तालुक है हम इसके बारे में भी बात करेंगे, इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;

लकवा शरीर में क्यों मारता है ?

  • लकवा मारने के आम तौर पर 2 कारण सबसे गंभीर माने जाते हैं, जिसमें एक ब्रेन हैम्ब्रेज है यानी दिमाग में जाने वाली ब्लड का पाइप फट जाना। और दूसरा कारण है कि दिमाग में खून की सप्लाई करने वाले पाइप में किसी न किसी तरह की ब्लॉकेज का आ जाना। 
  • वैसे ज्यादातर मामलों में लकवा पाइप ब्लॉक होने की वजह से होता है।

लकवे की समस्या क्यों उत्पन होती है इसके बारे में जानने के लिए आप बेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें। 

लकवे की समस्या कब व्यक्ति में उत्पन होती है ?

लकवा एक ऐसी बीमारी है जो अचानक से होती है। लकवा तब होता है जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे ब्लड का सर्कुलेशन रूक जाता है या फिर ब्रेन की कोई रक्त वाहिका फट जाती है। रक्त वाहिका फट जाने से मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह में खून भर जाता है। जिससे लकवे की समस्या उत्पन होती है।

लकवे की समस्या उत्पन होने पर कैसे लाए उसमे सुधार ?

  • पेशेंट को न्यूट्रल पोजिशन में रखे। उसे हर घंटे में करवट दिलवाएं। 
  • न्यूट्रीशियन से लकवे के मरीज़ के लिए डाइट चार्ट बनवाएं। लो कैलोरी, लो फैट और विटामिंस युक्त डाइट दें। बी-कॉम्पलेक्स देना जरुरी है। यह नर्व के लिए बेहतरीन विटामिन है।  
  • जैसे-जैसे दिमाग में थक्के का जोर कम होता है। दिमाग में बची हुई कोशिकाएं रिकवर होना शुरू हो जाती हैं। रिकवरी के हिसाब से एक्सरसाइज करवाएं। 
  • पैरों पर उसे धीरे-धीरे खड़ा करवाएं। हाथों से फंक्शनल काम होते हैं। एक्सरसाइज के लिए मशीनें उपलब्ध हैं। वहीं, होममेड तरीके भी हैं। पेशेंट खुद भी एक्सरसाइज कर सकता है। वहीं, अस्सिटेंट भी करवा सकते हैं। 
  • हाथों में रिकवरी आने पर ब्रश पकड़ना सिखाएं। हाथों को फंक्शनल बनाने के लिए बड़े से छोटे टास्क करवाए। यदि हाथों में रिकवरी आना शुरू हो चुका है। वह बारीक काम नहीं कर पा रहा है। उसे ब्रश पकड़ना सिखाएं। 
  • पेशेंट जैसे-जैसे रिकवर करता है। उसे सेल्फ डिपेंडेंट बनाएं, रिकवरी स्टेज में ऐसा करवाने से फायदा मिलेगा।  

लकवे की समस्या से निजात दिलवाने के लिए कौन-से बाहरी उपकरण सहायक है ?

  • रेजिडुअल पैरालिसिस स्टेज ये तकनीक आधुनिक है, इसका प्रयोग आज के समय में किया जाता है। इसके अलावा इसमें न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर भी शामिल है।
  • मिरर थैरेपी भी काफी मददगार है लकवे से मरीज़ को निजात दिलवाने के लिए।

यदि आप या आपके आस-पास कोई हो जो लकवे की समस्या से जूझ रहा है तो इसके लिए आप झावर हॉस्पिटल का चयन करें।

सुझाव :

लकवे की समस्या उत्पन होने पर आपको किन बातो का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में तो हम आपको उपरोक्त बता ही चुके है। लेकिन कोई भी तरीका अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले। 

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